दिलों मैं तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
नजर मैं ख्वाबों की बिजलियाँ लेले चल रहे हो तोह जिंदा हो तुम
हवा के झोंकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे, लहरों मैं बहना सीखो
हर एक लम्हे से तुम मिलो खोले अपनी बाहें
हर एक पल एक नया समां दिखाएं
जो अपने आखों में हैरानियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,
दिलों में तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम!!
2 comments:
Finally! I get the poem i have been looking for ever since I saw the movie... Thanks... Beautiful!
You are welcome :)
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