Saturday, July 16, 2011

Zindagi na milegi dobara

दिलों मैं तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम
नजर मैं ख्वाबों की बिजलियाँ लेले चल रहे हो तोह जिंदा हो तुम

हवा के झोंकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे, लहरों मैं बहना सीखो
हर एक लम्हे से तुम मिलो खोले अपनी बाहें
हर एक पल एक नया समां दिखाएं

जो अपने आखों में हैरानियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,
दिलों में तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम!!

2 comments:

Ramya said...

Finally! I get the poem i have been looking for ever since I saw the movie... Thanks... Beautiful!

Unknown said...

You are welcome :)